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आपातकालीन फंड: कामकाजी औरतें बड़े निवेश से पहले सेट-अप कर लें इमर्जेंसी फंड, स्टेप-बाइ-स्टेप गाइड

Working women money management strategy: इमर्जेंसी फंड यानी आपातकालीन निधि का नाम ही जाहिर करता है एक ऐसे समय को, जो अचानक आता है, जिसका आपने अंदाजा नहीं लगाया होता और जो कई बार अप्रत्याशित खर्चे लेकर आता है. कोरोना काल का साल 2020 इसका सबसे हालिया उदाहरण है. आपातकालीन फंड दरअसल आपके खर्चों का कुल ऐसा पूल है जो आपके सामान्य महीनों के कुल खर्चों का जोड़ होता है. यदि आप नौकरी करती हैं तो पहली ही नौकरी से शुरुआती महीनों में ही आपको इस दिशा में काम करना शुरू कर देना चाहिए, ऐसा वित्तीय मामलों के जानकार कहते हैं.

आपके पास कम से कम एक आपातकालीन कुशन तो जरूर होना चाहिए जो आपके 6 महीने के खर्चों का ख्याल रख सके. फाइनेंशनल प्लानर इस बचत के लिए कभी 3 महीने और कभी 6 महीनों का टारगेट मानते हैं. हर माह की सैलरी का एक हिस्सा इस फंड के नाम करती जाइए और तब तक लगातार करती रहिए जब तक कि आप अपने (व अपने परिवार के) मासिक खर्चे का 3 से 6 गुना नहीं बचा लेतीं.

1-क्यों बनाना चाहिए आपातकालीन फंड.. क्योंकि, विपदा कभी भी आ सकती है. जरूरत कभी भी खड़ी हो सकती है. वैवाहिक या पारिवारिक स्थिति में किसी भी प्रकार का चेंज जैसे कि तलाक या जीवनसाथी का निधन ऐसी ही सिचुएशन है जब आपकी आय में कमी हो जाती है और खर्च बढ़ जाते हैं. यह भी हो सकता है कि जिन बच्चों को आप अपना सहारा मान रही थीं वे आगे चलकर किसी कारणवश आपके साथ न हों या साथ न दे पाएं.

2-नौकरी चले जाने के बाद की स्थिति खर्चों से निपटने के लिए. जैसे जैसे आयु बढ़ेगी, वैसे वैसे महिलाओं के लिए अक्सर रोजगार के अवसर सीमित हो जाते हैं. ऐसे समय में जब AI का बोलबाला तेजी से बढ़ रहा है नौकरियों पर संकट मंडरा ही रहा है. महिलाओं और पर्सनल फाइनेंस से जुड़ी ऐसी ही अधिक जानकारी के लिए आप यहां क्लिक कर सकती हैं.

3- अत्याधिक बारिश, भूकंप या किसी भी और तरह की प्राकृतिक आपदा के चलते या फिर अन्य कारणों से घर रिपेयर करना पड़ सकता है. इसमें ये अमाउंट काम आएगा. खासतौर से तब जब होम इंश्योरेंस या फायर इंश्योरेंस न हो.

4- मेडिकल कारणों से तो यह निधि और भी जरूरी हो जाती है. यदि हेल्थ इंश्योरेंस नहीं लिया हुआ है तब तो यह एक बेहद जरूरी फंड है. उम्र के साथ साथ रोग बीमारियों के संकट, दुर्घनटना आदि आपको और आप पर डिपेंड परिवारजनों के इर्द-गिर्द पैदा हो जाते हैं. ऐसे में कब यह पैसा काम आ जाए, पहले से कयास नहीं लगाया जा सकता.

– नौकरी करते हुए ज्यादा समय नहीं हुआ है तो छोटी बचत से शुरुआत करें. बचत का पूल कितना भी बड़ा क्यों न बनाना हो, शुरुआत छोटी रकम से हो सकती है. बस यह नियमित हो. समय के अनुसार जब आप बजट बनाकर चलेंगी तो इसके लिए अलग रकम रखना न भूलें.

– अपने 3 महीने के पारिवारिक खर्च का मोटामोटी प्लान बना लें. आपके महीने के खर्च की न्यूनतम राशि इस फंड में होनी चाहिए. 3 से 6 महीने का पूल बनाएं. पहले तीन महीने का फंड और फिर 6 महीना का फंड सेट-अप करें. (यह भी पढ़ें- निवेश की शुरुआत कर रहीं लड़कियों के लिए एक्सपर्ट की सलाह, कैसे तय करें कहां निवेश करना उचित)

– खुद को किसी लालच या लापरवाही में न बहने दें, आपको अपना आपातकालीन फंड सेट अप करना ही है और इसके लिए आप एक तयशुदा रकम हर माह बचाएंगी ही. खुद को अधिक अनुशासित करते हुए इस रकम के टारगेट को हासिल करना होगा. जरूरी है कि टारगेट सेट किया जाए इसके बाद अनुशासित बचत के साथ इसे प्राप्त कर सकती हैं.

Tags: Business news in hindi, Emergency, Investment tips, Money Making Tips, Poor money management skills, Women’s Finance

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Shunya News
Author: Shunya News

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